Sawan month Hukamnama from Sri Darbar Sahib, Sachkhand Sri Harimandir Sahib, Golden Temple Amritsar, in Punjabi Hindi English with meanings translation, as per official SGPC calendar Hukamnama. Also contains detailed Hukamnama info like Page, Ang, SGG Line#, Raag, Bani, Author.
Sawan Sangrand Date:
16-Jul-2024 (Samvat 556 Nanakshahi) and 16-Jul-2025 (Samvat 557 Nanakshahi)
Sangrand Hukamnama PDF & Audio mp3
Daily Updates ਸਾਵਣ ਮਹੀਨਾ (ਸੰਗਰਾਂਦ ਹੁਕਮਨਾਮਾ) (ਪੰਜਾਬੀ + ਵਿਆਖਿਆ / ਅਰਥ) सावन महीना (संक्रांति/संग्रांद हुकमनामा) (हिंदी + अर्थ) Saawan month (Sangrand hukamnama) in English with meanings
(ਅੰਗ 134 - ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ)
(ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ / ਰਾਗ ਮਾਝ)
(ਬਾਰਹ ਮਾਹਾ ਮਾਂਝ ਮਹਲਾ ੫ ਘਰੁ ੪
ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥)
ਸਾਵਣਿ ਸਰਸੀ ਕਾਮਣੀ ਚਰਨ ਕਮਲ ਸਿਉ ਪਿਆਰੁ ॥ ਮਨੁ ਤਨੁ ਰਤਾ ਸਚ ਰੰਗਿ ਇਕੋ ਨਾਮੁ ਅਧਾਰੁ ॥ ਬਿਖਿਆ ਰੰਗ ਕੂੜਾਵਿਆ ਦਿਸਨਿ ਸਭੇ ਛਾਰੁ ॥ ਹਰਿ ਅੰਮ੍ਰਿਤ ਬੂੰਦ ਸੁਹਾਵਣੀ ਮਿਲਿ ਸਾਧੂ ਪੀਵਣਹਾਰੁ ॥ ਵਣੁ ਤਿਣੁ ਪ੍ਰਭ ਸੰਗਿ ਮਉਲਿਆ ਸੰਮ੍ਰਥ ਪੁਰਖ ਅਪਾਰੁ ॥ ਹਰਿ ਮਿਲਣੈ ਨੋ ਮਨੁ ਲੋਚਦਾ ਕਰਮਿ ਮਿਲਾਵਣਹਾਰੁ ॥ ਜਿਨੀ ਸਖੀਏ ਪ੍ਰਭੁ ਪਾਇਆ ਹੰਉ ਤਿਨ ਕੈ ਸਦ ਬਲਿਹਾਰ ॥ ਨਾਨਕ ਹਰਿ ਜੀ ਮਇਆ ਕਰਿ ਸਬਦਿ ਸਵਾਰਣਹਾਰੁ ॥ ਸਾਵਣੁ ਤਿਨਾ ਸੁਹਾਗਣੀ ਜਿਨ ਰਾਮ ਨਾਮੁ ਉਰਿ ਹਾਰੁ ॥੬॥
(ਅੰਗ 1108 - ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ)
(ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ / ਰਾਗ ਤੁਖਾਰੀ)
(ਤੁਖਾਰੀ ਛੰਤ ਮਹਲਾ ੧ ਬਾਰਹ ਮਾਹਾ
ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥)
ਸਾਵਣਿ ਸਰਸ ਮਨਾ ਘਣ ਵਰਸਹਿ ਰੁਤਿ ਆਏ ॥ ਮੈ ਮਨਿ ਤਨਿ ਸਹੁ ਭਾਵੈ ਪਿਰ ਪਰਦੇਸਿ ਸਿਧਾਏ ॥ ਪਿਰੁ ਘਰਿ ਨਹੀ ਆਵੈ ਮਰੀਐ ਹਾਵੈ ਦਾਮਨਿ ਚਮਕਿ ਡਰਾਏ ॥ ਸੇਜ ਇਕੇਲੀ ਖਰੀ ਦੁਹੇਲੀ ਮਰਣੁ ਭਇਆ ਦੁਖੁ ਮਾਏ ॥ ਹਰਿ ਬਿਨੁ ਨੀਦ ਭੂਖ ਕਹੁ ਕੈਸੀ ਕਾਪੜੁ ਤਨਿ ਨ ਸੁਖਾਵਏ ॥ ਨਾਨਕ ਸਾ ਸੋਹਾਗਣਿ ਕੰਤੀ ਪਿਰ ਕੈ ਅੰਕਿ ਸਮਾਵਏ ॥੯॥
(अंग 134 - गुरु ग्रंथ साहिब जी)
(गुरू अर्जन देव जी / राग माझ)
(बारह माहा मांझ महला ५ घरु ४
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥)
सावणि सरसी कामणी चरन कमल सिउ पिआरु ॥ मनु तनु रता सच रंगि इको नामु अधारु ॥ बिखिआ रंग कूड़ाविआ दिसनि सभे छारु ॥ हरि अम्रित बूंद सुहावणी मिलि साधू पीवणहारु ॥ वणु तिणु प्रभ संगि मउलिआ सम्रथ पुरख अपारु ॥ हरि मिलणै नो मनु लोचदा करमि मिलावणहारु ॥ जिनी सखीए प्रभु पाइआ हंउ तिन कै सद बलिहार ॥ नानक हरि जी मइआ करि सबदि सवारणहारु ॥ सावणु तिना सुहागणी जिन राम नामु उरि हारु ॥६॥
(अंग 1108 - गुरु ग्रंथ साहिब जी)
(गुरू नानक देव जी / राग तुखारी)
(तुखारी छंत महला १ बारह माहा
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥)
सावणि सरस मना घण वरसहि रुति आए ॥ मै मनि तनि सहु भावै पिर परदेसि सिधाए ॥ पिरु घरि नही आवै मरीऐ हावै दामनि चमकि डराए ॥ सेज इकेली खरी दुहेली मरणु भइआ दुखु माए ॥ हरि बिनु नीद भूख कहु कैसी कापड़ु तनि न सुखावए ॥ नानक सा सोहागणि कंती पिर कै अंकि समावए ॥९॥
(Ang 134 - Guru Granth Sahib ji)
(Guru Arjan Dev ji / Raag Majh)
(Baarah maahaa maanjh mahalaa 5 gharu 4
Īk õamkkaari saŧigur prsaađi ||)
Saavañi sarasee kaamañee charan kamal siū piâaru || Manu ŧanu raŧaa sach ranggi īko naamu âđhaaru || Bikhiâa rangg kooɍaaviâa đisani sabhe chhaaru || Hari âmmmriŧ boonđđ suhaavañee mili saađhoo peevañahaaru || Vañu ŧiñu prbh sanggi maūliâa sammrŧh purakh âpaaru || Hari milañai no manu lochađaa karami milaavañahaaru || Jinee sakheeē prbhu paaīâa hannū ŧin kai sađ balihaar || Naanak hari jee maīâa kari sabađi savaarañahaaru || Saavañu ŧinaa suhaagañee jin raam naamu ūri haaru ||6||
(Ang 1108 - Guru Granth Sahib ji)
(Guru Nanak Dev ji / Raag Tukhari)
(Ŧukhaaree chhanŧŧ mahalaa 1 baarah maahaa
Īk õamkkaari saŧigur prsaađi ||)
Saavañi saras manaa ghañ varasahi ruŧi âaē || Mai mani ŧani sahu bhaavai pir parađesi siđhaaē || Piru ghari nahee âavai mareeâi haavai đaamani chamaki daraaē || Sej īkelee kharee đuhelee marañu bhaīâa đukhu maaē || Hari binu neeđ bhookh kahu kaisee kaapaɍu ŧani na sukhaavaē || Naanak saa sohaagañi kanŧŧee pir kai ânkki samaavaē ||9||