Harh month Hukamnama from Sri Darbar Sahib, Sachkhand Sri Harimandir Sahib, Golden Temple Amritsar, in Punjabi Hindi English with meanings translation, as per official SGPC calendar Hukamnama. Also contains detailed Hukamnama info like Page, Ang, SGG Line#, Raag, Bani, Author.
Harh Sangrand Date:
15-June-2023 (Samvat 555 Nanakshahi) and 14-June-2024 (Samvat 556 Nanakshahi)
Sangrand Hukamnama PDF & Audio mp3
Daily Updates ਹਾੜ ਮਹੀਨਾ (ਸੰਗਰਾਂਦ ਹੁਕਮਨਾਮਾ) (ਪੰਜਾਬੀ + ਵਿਆਖਿਆ / ਅਰਥ) हाड़ महीना (संक्रांति/संग्रांद हुकमनामा) (हिंदी + अर्थ) Haarh month (Sangrand hukamnama) in English with meanings
(ਅੰਗ 134 - ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ)
(ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ / ਰਾਗ ਮਾਝ)
(ਬਾਰਹ ਮਾਹਾ ਮਾਂਝ ਮਹਲਾ ੫ ਘਰੁ ੪
ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥)
ਆਸਾੜੁ ਤਪੰਦਾ ਤਿਸੁ ਲਗੈ ਹਰਿ ਨਾਹੁ ਨ ਜਿੰਨਾ ਪਾਸਿ ॥ ਜਗਜੀਵਨ ਪੁਰਖੁ ਤਿਆਗਿ ਕੈ ਮਾਣਸ ਸੰਦੀ ਆਸ ॥ ਦੁਯੈ ਭਾਇ ਵਿਗੁਚੀਐ ਗਲਿ ਪਈਸੁ ਜਮ ਕੀ ਫਾਸ ॥ ਜੇਹਾ ਬੀਜੈ ਸੋ ਲੁਣੈ ਮਥੈ ਜੋ ਲਿਖਿਆਸੁ ॥ ਰੈਣਿ ਵਿਹਾਣੀ ਪਛੁਤਾਣੀ ਉਠਿ ਚਲੀ ਗਈ ਨਿਰਾਸ ॥ ਜਿਨ ਕੌ ਸਾਧੂ ਭੇਟੀਐ ਸੋ ਦਰਗਹ ਹੋਇ ਖਲਾਸੁ ॥ ਕਰਿ ਕਿਰਪਾ ਪ੍ਰਭ ਆਪਣੀ ਤੇਰੇ ਦਰਸਨ ਹੋਇ ਪਿਆਸ ॥ ਪ੍ਰਭ ਤੁਧੁ ਬਿਨੁ ਦੂਜਾ ਕੋ ਨਹੀ ਨਾਨਕ ਕੀ ਅਰਦਾਸਿ ॥ ਆਸਾੜੁ ਸੁਹੰਦਾ ਤਿਸੁ ਲਗੈ ਜਿਸੁ ਮਨਿ ਹਰਿ ਚਰਣ ਨਿਵਾਸ ॥੫॥
(ਅੰਗ 1108 - ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ)
(ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ / ਰਾਗ ਤੁਖਾਰੀ)
(ਤੁਖਾਰੀ ਛੰਤ ਮਹਲਾ ੧ ਬਾਰਹ ਮਾਹਾ
ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥)
ਆਸਾੜੁ ਭਲਾ ਸੂਰਜੁ ਗਗਨਿ ਤਪੈ ॥ ਧਰਤੀ ਦੂਖ ਸਹੈ ਸੋਖੈ ਅਗਨਿ ਭਖੈ ॥ ਅਗਨਿ ਰਸੁ ਸੋਖੈ ਮਰੀਐ ਧੋਖੈ ਭੀ ਸੋ ਕਿਰਤੁ ਨ ਹਾਰੇ ॥ ਰਥੁ ਫਿਰੈ ਛਾਇਆ ਧਨ ਤਾਕੈ ਟੀਡੁ ਲਵੈ ਮੰਝਿ ਬਾਰੇ ॥ ਅਵਗਣ ਬਾਧਿ ਚਲੀ ਦੁਖੁ ਆਗੈ ਸੁਖੁ ਤਿਸੁ ਸਾਚੁ ਸਮਾਲੇ ॥ ਨਾਨਕ ਜਿਸ ਨੋ ਇਹੁ ਮਨੁ ਦੀਆ ਮਰਣੁ ਜੀਵਣੁ ਪ੍ਰਭ ਨਾਲੇ ॥੮॥
(अंग 134 - गुरु ग्रंथ साहिब जी)
(गुरू अर्जन देव जी / राग माझ)
(बारह माहा मांझ महला ५ घरु ४
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥)
आसाड़ु तपंदा तिसु लगै हरि नाहु न जिंना पासि ॥ जगजीवन पुरखु तिआगि कै माणस संदी आस ॥ दुयै भाइ विगुचीऐ गलि पईसु जम की फास ॥ जेहा बीजै सो लुणै मथै जो लिखिआसु ॥ रैणि विहाणी पछुताणी उठि चली गई निरास ॥ जिन कौ साधू भेटीऐ सो दरगह होइ खलासु ॥ करि किरपा प्रभ आपणी तेरे दरसन होइ पिआस ॥ प्रभ तुधु बिनु दूजा को नही नानक की अरदासि ॥ आसाड़ु सुहंदा तिसु लगै जिसु मनि हरि चरण निवास ॥५॥
(अंग 1108 - गुरु ग्रंथ साहिब जी)
(गुरू नानक देव जी / राग तुखारी)
(तुखारी छंत महला १ बारह माहा
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥)
आसाड़ु भला सूरजु गगनि तपै ॥ धरती दूख सहै सोखै अगनि भखै ॥ अगनि रसु सोखै मरीऐ धोखै भी सो किरतु न हारे ॥ रथु फिरै छाइआ धन ताकै टीडु लवै मंझि बारे ॥ अवगण बाधि चली दुखु आगै सुखु तिसु साचु समाले ॥ नानक जिस नो इहु मनु दीआ मरणु जीवणु प्रभ नाले ॥८॥
(Ang 134 - Guru Granth Sahib ji)
(Guru Arjan Dev ji / Raag Majh)
(Baarah maahaa maanjh mahalaa 5 gharu 4
Īk õamkkaari saŧigur prsaađi ||)
Âasaaɍu ŧapanđđaa ŧisu lagai hari naahu na jinnaa paasi || Jagajeevan purakhu ŧiâagi kai maañas sanđđee âas || Đuyai bhaaī vigucheeâi gali paëesu jam kee phaas || Jehaa beejai so luñai maŧhai jo likhiâasu || Raiñi vihaañee pachhuŧaañee ūthi chalee gaëe niraas || Jin kau saađhoo bheteeâi so đaragah hoī khalaasu || Kari kirapaa prbh âapañee ŧere đarasan hoī piâas || Prbh ŧuđhu binu đoojaa ko nahee naanak kee ârađaasi || Âasaaɍu suhanđđaa ŧisu lagai jisu mani hari charañ nivaas ||5||
(Ang 1108 - Guru Granth Sahib ji)
(Guru Nanak Dev ji / Raag Tukhari)
(Ŧukhaaree chhanŧŧ mahalaa 1 baarah maahaa
Īk õamkkaari saŧigur prsaađi ||)
Âasaaɍu bhalaa sooraju gagani ŧapai || Đharaŧee đookh sahai sokhai âgani bhakhai || Âgani rasu sokhai mareeâi đhokhai bhee so kiraŧu na haare || Raŧhu phirai chhaaīâa đhan ŧaakai teedu lavai manjjhi baare || Âvagañ baađhi chalee đukhu âagai sukhu ŧisu saachu samaale || Naanak jis no īhu manu đeeâa marañu jeevañu prbh naale ||8||